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पाला व शीतलहर से रबी फसलों हेतु बचाव के उपाय

मौसम की असामान्य / विपरीत परिस्थितियों से रबी फसलों हेतु बचाव के उपाय

गेहूँ के उपाय

फसल पर प्रभावः वानस्पतिक वृद्धि व बालियों पर विपरीत प्रभाव ।

बचाव के उपायः

  • गेहूं फसल के पाले से बचाव हेतु पाला पड़ने की सम्भावना होने पर दोपहर के समय जब फसल की पत्तियां सूखी हो तो व्यवसायिक उपयोग वाले गन्धक के तेजाब या डाईमिथाइल सल्फोऑक्साइड 0.1 प्रतिशत (1) मिली. प्रति लीटर पानी) का 100-125 लीटर घोल बनाकर प्रति बीघा की दर से छिड़काव करें।
  • चना फसल को पाले से बचाने के लिए पाला पड़ने की सम्भावित अवधि में गन्धक का तेजाब या डाईमिथाइल सल्फोऑक्साइड 0.1 प्रतिशत (1 मिली. प्रति लीटर पानी) का 100 से 125 लीटर घोल बनाकर प्रति बीधा की दर से छिड़काव करें। इसे सम्भावित पाला पड़ने की अवधि में दोहराते रहें।

जौं के उपाय

फसल पर प्रभावः फसल का जलना व वृद्धि प्रभावित होना ।

बचाव के उपायः

  • पाला पड़ने की सम्भावना होने पर फसल में एक हल्की सिंचाई कर देवें और पाला पड़ने की आशका वाली रात्रि को खेत के आस-पास धुआ करें।
  • चना फसल को पाले से बचाने के लिए पाला पड़ने की सम्भावित अवधि में गन्धक का तेजाब या डाईमिथाइल सल्फोऑक्साइड 0.1 प्रतिशत (1 मिली. प्रति लीटर पानी) का 100 से 125 लीटर घोल बनाकर प्रति बीधा की दर से छिड़काव करें। इसे सम्भावित पाला पड़ने की अवधि में दोहराते रहें।

सरसों के उपाय

फसल पर प्रभावः दाना फटना व सिकुड़ना ।

बचाव के उपायः

  • सरसों फसल को पाले से बचाने के लिए संभावित पाला पड़ने की अवधि (जब न्यूनतम तापक्रम 4.0 डिग्री सैल्सियस तक पहुंच जाये व उत्तर दिशा से ठण्डी हवा चल रही हो और आसमान साफ हो) में दोपहर के समय जब फसल की पत्तियां सूखी हो तो गन्धक का तेजाब या डाईमिथाइल सल्फोऑक्साइड 0.1 प्रतिशत (1 मिली. प्रति लीटर पानी) का घोल बनाकर 100 से 125 लीटर विलयन प्रति बीधा की दर से छिडकाव करें।
  • इसे सम्भावित पाला पड़ने की अवधि में दोहराते रहें। सरसों में पाले से बचाव के वैकल्पिक उपाय के रूप में पाला पड़ने की सम्भावना होने पर खेत में सिंचाई कर देवें। नमीयुक्त भूमि में गर्मी काफी देर तक बनी रहती है तथा भूमि का तापक्रम एकदम कम नही होता है। इस प्रकार, भूमि में पर्याप्त नमी होने पर फसल को शीतलहर व पाले से नुकसान की सम्भावना कम रहती है।