कपास के बीजकोष सड़न: कारण, लक्षण और रोकथाम।
कपास खेती में बीजकोष (Boll) का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। लेकिन बरसात और अधिक नमी वाले मौसम में बीजकोष सड़न (Boll Rot in Cotton) की समस्या तेजी से बढ़ती है। यह रोग कई प्रकार के फफूंद जैसे Fusarium, Aspergillus, Phytophthora, Rhizopus, Diplodia आदि के कारण होता है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे इसके लक्षण, कारण और निवारक उपाय ताकि किसान भाई समय पर इसका प्रबंधन कर सकें।
कपास बीजकोष सड़न के मुख्य लक्षण
- बीजकोषों पर गहरे भूरे या काले धब्बे बनना।
- प्रभावित गोल नरम होकर पानी से भीगे हुए दिखना।
- कपास के दानों का समय से पहले खुलना और गिरना।
- अंदरूनी ऊतक (बीज और रेशा) सड़ जाना।
- गंभीर मामलों में रेशे दागदार और खराब हो जाते हैं।
- आर्द्र परिस्थितियों में फफूंद की वृद्धि स्पष्ट दिखाई देती है।
कपास बीजकोष सड़न के कारण
कपास में यह रोग मुख्य रूप से मिट्टी और बीजों में मौजूद फफूंद से होता है। इसके बढ़ने में निम्नलिखित कारक भूमिका निभाते हैं:
- अत्यधिक नाइट्रोजन का प्रयोग
- ज्यादा सिंचाई और पानी भराव
- लगातार वर्षा और उच्च आर्द्रता
- बॉलवर्म और रेड कॉटन बग जैसे कीटों द्वारा किए गए घाव
- बीजकोषों पर फफूंद द्वारा उत्पन्न वायुजनित बीजाणु
आमतौर पर यह रोग बुवाई के लगभग 100 दिन बाद अधिक दिखाई देता है।
कपास बीजकोष सड़न से बचाव के उपाय
किसान भाई निम्नलिखित निवारक उपाय अपनाकर इस रोग से काफी हद तक बचाव कर सकते हैं:
- स्वस्थ और प्रमाणित बीजों का प्रयोग करें।
- नाइट्रोजन की अधिक मात्रा से बचें और संतुलित खाद का प्रयोग करें।
- उचित सिंचाई करें और खेत में पानी भरने से बचें।
- देर से बुआई न करें।
- पौधों में उचित दूरी रखें ताकि हवा और धूप आसानी से पहुंच सके।
- बरसात के मौसम में पौधों के निचले हिस्से में परिपक्व बीजकोषों की नियमित जांच करें।
- बॉलवर्म और रेड कॉटन बग जैसे कीटों का नियंत्रण अवश्य करें।
निष्कर्ष
कपास बीजकोष सड़न एक गंभीर फफूंद जनित रोग है, जो समय पर प्रबंधन न करने पर उपज और गुणवत्ता दोनों को नुकसान पहुंचाता है। किसान भाई यदि सही निवारक उपाय अपनाएं तो इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।